Brij ballabh udaiwal ( A traditional textile printer since 1975 )
Near silibery
sanganer
09950473611
Brij from India has done a gigantic feat meticulously to promote and preserve Hand Block printing by vegetable dyes. He resides right at the focal point of Sanganeri traditional textile printing units cluster. When he was merely in teen’s, his father Shri . Madho .L .Udaiwal and mother who themselves are the masters in the cited field taught him well about this technique of textile printing. Since then he never halted and advanced as far as he could. Gradually he seasoned in hand block textile printing technology specifically through vegetables dyes and exclusively too. These dyes (vegetables pigments) adhere permanently upon the fabric either cotton silk or otherwise. He was very aware about advent of ecological pollutions and their hazardous effects upon the globe .Since his early childhood .That is why he never used chemicals to deteriorate the world. The real blood of Sanganer, Pink city runs in his veins.
Sunday, June 6, 2010
Tuesday, June 1, 2010
सांगानेरी प्रिंट को राहत की उम्मीद
सांगानेरी प्रिंट को राहत की उम्मीद
जयपुर. सांगानेर की हैंड ब्लॉक प्रिंट को जीआई सर्टिफिकेट मिलने से सांगानेरी प्रिंट बेडशीट व कपड़ा तैयार करने वाली करीब छह सौ इकाइयों को राहत मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि करीब छह महीने से सांगानेरी प्रिंट बेडशीट व कपड़े के कारोबार में पचास फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
इसकी एक वजह राजस्थान के जोधपुर व पाली और अहमदाबाद में सांगानेरी प्रिंट छपाई का कारोबार फलना-फूलना है। लेकिन जीआई सर्टिफिकेट मिलने से अब दूसरे शहरों में सांगानेरी प्रिंट कपड़े के कारोबार पर रोक लगने की उम्मीद की जा रही है। इससे सांगानेर की इकाइयों के कारोबार हालात में सुधार की उम्मीद बंधी है। सागांनेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन के महामंत्री राजेंद्र जीनगर का कहना है कि पिछले साल दुनिया भर में छाई आर्थिक सुस्ती से सांगानेरी प्रिंट बेड शीट व कपड़े कारोबार करने वाली इकाइयां अब तक नहीं उबर पाई है। इससे पिछले छह महीनों के दौरान इन इकाइयों का कारोबार पचास फीसदी तक घट गया है।
इसकी एक वजह जोधपुर व पाली और अहमदाबाद में भी सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंट का होना है। इसके चलते जयपुर में सांगानेरी प्रिंट इकाइयों के कारोबार पर असर पड़ा है। यह देखते हुए सांगानेर हैंड ब्लॉक प्रिंट को जीआई सर्टिफिकेट मिलने से सांगानेर स्थित करीब छह सौ इकाइयों को राहत मिलने की उम्मीद है।
जयपुर. सांगानेर की हैंड ब्लॉक प्रिंट को जीआई सर्टिफिकेट मिलने से सांगानेरी प्रिंट बेडशीट व कपड़ा तैयार करने वाली करीब छह सौ इकाइयों को राहत मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि करीब छह महीने से सांगानेरी प्रिंट बेडशीट व कपड़े के कारोबार में पचास फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
इसकी एक वजह राजस्थान के जोधपुर व पाली और अहमदाबाद में सांगानेरी प्रिंट छपाई का कारोबार फलना-फूलना है। लेकिन जीआई सर्टिफिकेट मिलने से अब दूसरे शहरों में सांगानेरी प्रिंट कपड़े के कारोबार पर रोक लगने की उम्मीद की जा रही है। इससे सांगानेर की इकाइयों के कारोबार हालात में सुधार की उम्मीद बंधी है। सागांनेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन के महामंत्री राजेंद्र जीनगर का कहना है कि पिछले साल दुनिया भर में छाई आर्थिक सुस्ती से सांगानेरी प्रिंट बेड शीट व कपड़े कारोबार करने वाली इकाइयां अब तक नहीं उबर पाई है। इससे पिछले छह महीनों के दौरान इन इकाइयों का कारोबार पचास फीसदी तक घट गया है।
इसकी एक वजह जोधपुर व पाली और अहमदाबाद में भी सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंट का होना है। इसके चलते जयपुर में सांगानेरी प्रिंट इकाइयों के कारोबार पर असर पड़ा है। यह देखते हुए सांगानेर हैंड ब्लॉक प्रिंट को जीआई सर्टिफिकेट मिलने से सांगानेर स्थित करीब छह सौ इकाइयों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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